राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020: में पाठ्यक्रम सुधार, प्रौद्योगिकी एकीकरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से भारत को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनाने की परिकल्पना की गई है।
एनईपी-2020 ‘समान और समावेशी शिक्षा: सभी के लिए सीखना’ की आधारशिला पर आधारित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार केंद्रीय विद्यालयों (केवि.) में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिसमें समावेशी शिक्षा, समान पहुंच, सामर्थ्य और असमानताओं को कम करने पर जोर दिया गया है। भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के एनईपी 2020 के लक्ष्य को के.वि.सं.लखनऊ क्षेत्र के केन्द्रीय विद्यालयों में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है।
- एनईपी-2020 के विभिन्न प्रावधानों का कार्यान्वयन
- प्रवेश की आयु का पुन: संरेखण :- एनईपी – 2020 की सिफारिश के अनुरूप, सभी केंद्रीय विद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से कक्षा-1 में प्रवेश की आयु को संशोधित कर 6+ वर्ष कर दिया गया।
- निपुण भारत पहल– संख्यात्मक समझ के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए एक राष्ट्रीय पहल दस्तावेज़ (एनआईपीयूएन) है अंग्रेजी, हिंदी और संख्यात्मक गणना और समझ में कक्षावार लक्ष्य या सीखने के परिणामों (एलओ) को सूचीबद्ध करता है।
- एफएलएन की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए कक्षा I से III में छात्रों की प्रगति की ट्रैकिंग, पीआईएमएस से जुड़े एक वेब-एप्लिकेशन के माध्यम से रिकॉर्डिंग द्वारा निगरानी की जाती है।
- कक्षा 1 के छात्रों के लिए 2021-22 में शुरू किया गया, 2022-23 में कक्षा 2 तक बढ़ाया गया तथा और 2023-24 में तीसरी कक्षा तक लागू किया गया ।
- छात्रों का मूल्यांकन कई अनौपचारिक टिप्पणियों के माध्यम से प्रवेश, मध्य और निकास चरणों में किया जाता है।
- प्राप्त डेटा के विश्लेषण के आधार पर ऐसे मूल्यांकन करने और सीखने के हस्तक्षेप की योजना बनाने के लिए प्राथमिक शिक्षकों /मुख्य अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया |